रिश्ते के धागे को शायरी में पिरोने का मेरा प्रयास.....
रिश्ते जीवन के हमेशा डोर से बंधते है
कभी टूटे तो एक पर इल्जाम मत देना ।
रिश्ते जीवन के हमेशा डोर से बंधते है
कभी टूटे तो एक पर इल्जाम मत देना ।
उलझने आ जाती है अक्सर घुलने मिलने में
सुलझेगी हर उलझन बस मिल के सुलझाना ।
बचा के रखने का बस इतना सा किस्सा है
दूर हो तुम से तो तरफ उनके तुम झुक जाना।
रिश्ते जीवन के, हमेशा डोर से बंधते है
कभी टूटे तो एक पर इल्जाम मत देना ।
--संतोष कुमार
सुलझेगी हर उलझन बस मिल के सुलझाना ।
बचा के रखने का बस इतना सा किस्सा है
दूर हो तुम से तो तरफ उनके तुम झुक जाना।
रिश्ते जीवन के, हमेशा डोर से बंधते है
कभी टूटे तो एक पर इल्जाम मत देना ।
--संतोष कुमार