जब-2 सरहद पर दुश्मन ने हम पर आँख उठाई है
भारत माता के वीर सपूतो ने अपनी साहस दिखलाया है।
भारत माता के वीर सपूतो ने अपनी साहस दिखलाया है।
धैर्यवान ,सिरमोर जगत को जब-2 किसीने ललकारा है
शौर्य ,वीर्यता भारत का हमने उनको दिखलाया है।
शौर्य ,वीर्यता भारत का हमने उनको दिखलाया है।
पिता ,पुत्र , भाई , सुहाग का हमने बलिदान चढ़ाया है
जब जब धरती माता पर आँख किसी ने उठाया है।
जब जब धरती माता पर आँख किसी ने उठाया है।
सीना ताने , गोली खाते आगे बढ़कर ,कर गर्दन को कुर्बान यहाँ
ये धरती मेरी माँ है , इसका अहसास दिलाया है।
ये धरती मेरी माँ है , इसका अहसास दिलाया है।
अडिग , अभय , अविचल आगे बढ़कर तिरंगा लाल चौक पर फहराया है
सिंह गर्जना सुनकर दुश्मन ने पीठ दिखाया है।
सिंह गर्जना सुनकर दुश्मन ने पीठ दिखाया है।
आओ उठे, मिलकर करे नमन उन धरती के वीर सपूतो का
दे कुर्बानी गर्दन की जिसने माता की लाज बचाया है।
दे कुर्बानी गर्दन की जिसने माता की लाज बचाया है।
धन्यावाद
संतोष
दे कुर्बानी गर्दन की जिसने माता की लाज बचाया है।
ReplyDeleteसही बात हे...शहीदों का ऋण हम जन्मो जन्म तक नहीं अदा कर शकते...
आपने कारगिल विजय दिवस पर इतनी अच्छि कविता शहीदों को नाम की बहोत बड़ी बात हे...
धरती के वीर सपूतो के लिए श्रधांजलि
Deleteशहीदों को शत शत नमन ।