Wednesday, October 2, 2013

उदय - दो आदर्श देशभक्त

2 अक्टूबर स्वतंत्र भारत के दिन में सबसे महत्वपूर्ण दिन है । आज के दिन इस धरती पर दो ऐसे महापुरुष अवतरित हुए जिन्होंने न केवल हमें विदेशी शाशन से आजाद कराया बल्कि आने वाले पीढ़ी के लिए प्रेरणा बने ।

बचपन की एक कविता याद आ रही है

आज का दिन है दो अक्टूबर
आज का दिन है कितना महान ।
आज के दिन दो फूल खिले
जिससे महका हिन्दुस्तान ।।

आज  इन दो फूलो के दिखाए पथ पर चलना भूल कर हम आज के नेतृत्व गलत रास्ते पर चल रहे है ।

सत्य और अहिंसा के सिद्धात जिसने यह सिखाया था की हमें अपने अधिकारों के पाने के लिए हिंसा करने की जरूरत नहीं होती , जरूरत होती है लड़ाई में डटे रहने की, जरूरत होती है दृढ निष्ठां की । गांधीजी ने कहा था-

First they will laugh at you
Then they will ignore you
After that they will fight you
You will Win.

भूख हड़ताल हो या असहयोग आन्दोलन जीवन के हर कार्य से देशभक्ति की भावना व्यक्त करने वाले  को शत-2 नमन ।

धरती माँ के दुसरे फूल लाल बहादुर शास्त्री एक ऐसे महापुरुष जिनका आभार कभी नहीं चुकाया जा सकता । जब देश पर पाकिस्तान ने आक्रमण किया और अमेरिका  ने गेहू निर्यात करने से मना कर दिया और देश में भुखमरी की स्थिति आ गई थी तो आपने "जय जवान जय किसान " का नारा देकर जवानो में जोश भर दिया और किसानो ने देश में हरित क्रांति ला दी । हफ्ते में इक दिन के उपवास का पालन देश ने गर्मजोशी  से किया था ।

आज हमारे पास साधन होते हुए भी सीमा पर जवान मजबूर और युवा बेरोजगार है   65 % युवा के देश को अपनी जरूरते विदेशो से लानी पड़ती है ,सेना को विदेश में बने हथियार  लाने पड़ते है। आज देश को जरुरत है ऐसे शास्त्री की जो युवा शक्ति को पहचाने और भारत की आत्मा किसानो को प्रेरित करे , जरुरत है गाँधी की जो भ्रस्टाचार जैसे कैसर से लड़ सके ।

जब तक देश को ऐसा नेत्रित्व नहीं मिलेगा तब तक हमें सच्ची आजादी नहीं मिलेगी ।

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