Sunday, October 6, 2013

नजर आते है.......

हमारे मुल्क के हालात को बखूबी बयां करने वाली ये पंक्तिया जो देश की स्थिति को आँखों के सामने रख देती है ।

मुल्क तेरी बर्बादी के आसार नज़र आते है,
चोरों के संग पहरेदार नज़र आते है.!!

ये अंधेरा कैसे मिटे , तू ही बता ऐ आसमाँ,
रोशनी के दुश्मन चौकीदार नज़र आते है.!!

हर गली में, हर सड़क पे ,मौन पड़ी है ज़िंदगी,
हर जगह मरघट से हालात नज़र आते है.!!

सुनता है आज कौन द्रौपदी की चीख़ को,
हर जगह दुस्सासन सिपहसालार नज़र आते है.!!

सत्ता से समझौता करके बिक गयी है लेखनी,
ख़बरों को सिर्फ अब बाज़ार नज़र आते है.!!

सच का साथ देना भी बन गया है जुर्म अब,
सच्चे ही आज गुनाहगार नज़र आते है.!!

मुल्क की हिफाज़त सौंपी है जिनके हाथों मे,
वे ही हुकुम शाह आज गद्दार नज़र आते है.!!

खंड-खंड मे खंडित भारत रो रहा है ज़ोरों से,
हर जाति, हर धर्म के, ठेकेदार नज़र आते है.!!

आभार : डाॅ शैलेन्द्र मिश्रा, पटना

1 comment:

  1. कविने काफी दर्दभरे शब्दोमे देश की आजकी परिस्थिति बयाँ की है… जिसपे आजके नेताओ को और आवाम को दिल से सोचना चाहिए |
    इन परिस्थितियो और कुरिवाजोसे देश अगर बहार नहीं आया तो हजारो शहीदों की सहादत व्यर्थ जाने में कोई देर नहीं ...

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