Wednesday, September 4, 2013

शिक्षक

"शिष्य अयोग्य होगे यदि वे अपने गुरु के विचारो की समालोचना किये बिना स्वीकार करे

सही मायने में वही शिक्षक है जो अपने विद्यार्थी को परिस्थितियों के अनुसार सोचने के लिए प्रेरित करता है"
-ड़ा सर्वपल्ली राधाकृषणन

पथ प्रदर्शक  मार्ग दर्शक
राह है दिखलाता शिक्षक ।

काले तख़्त पर लिख सफ़ेद स्याह से
उज्जवल भविष्य  बनाता शिक्षक।

कांच कुंभ सा शरीर कोमल
करता है साकार शिक्षक।

इश्वर प्राप्ति जीवन लक्ष्य
मार्ग है दिखलाता शिक्षक ।

मात्र-पित्र, भ्रात्र ,बनकर मित्र
साथ हर क्षण है शिक्षक ।

घिर जाते जब हम तमस में
ज्ञान-दीप्ति जलाता शिक्षक ।

मैं अकिंचन  ऋण बहुत
हीन सब आभार शिक्षक ।

हो कठिन जीवन पथ जब-जब
चाहूं आपका आशीर्वाद शिक्षक ।

-संतोष

1 comment:

  1. हो कठिन जीवन पथ जब-जब
    चाहूं आपका आशीर्वाद शिक्षक ।
    Nice words Santos.....hats of for your writing....

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