अखंड भारत ..आज हम ये शब्द बड़े गर्व क साथ बोलते है और ये सच भी है की आज हजारो संस्कृतियो जातियों और भाषाओ के होते हुए भी हम एक है।
हमारे देश पर हजारो सालो से विदेशी ताकतों ने राज किया है जब देश आजाद हुआ तो देश छोटी -2 सियासतो में बिखरा हुआ था देश के सामने एक बड़ी समस्या थी देश को संगठित करना । सरदार वल्लभ भाई पटेल एक ऐसे रास्ट्रपुरुष है जिन्हें भारत को संगठित करने में अतुल्य योगदान दिया।
सरदार पटेल गुजरात के एक साधारण से गाँव से एक ऐसी विलक्षण प्रतिभा लेकर जन्मे थे । वकालत में इतने निपुण की अंग्रेजो को इनके सामने खड़े होने की हिम्मत नहीं होती थी | सरदार पटेल खुद एक असीम साहस का एक उदहारण थे । एक बार जब इन्हें फोड़ा हुआ तो इन्होने खुद अपने हाथो से गरम लोहे से फोड़े को दागा जिसके कारन इन्हें लौह पुरुष की उपाधि प्राप्त हुई।
गाँधी जी के स्वतंत्रता आन्दोलन से प्रेरित होकर बाद में सरदार पटेल स्वतंत्रता की लड़ाई में कूद पड़े । देश की जनता पर आपके व्यक्तित्व का गहरा प्रभाव था । असहयोग आन्दोलन में लोगो को जोड़ने का काम आपने बड़ी जोरो से किया और महज कुछ ही दिनों में तीन लाख से जादा लोगो को आन्दोलन से जोड़ा ।
देश सेवा के लिए त्याग करने वाले में सरदार पटेल का नाम अग्रणीय है । जब अंग्रेजो ने कर वसूली की सीमा बढ़ा दी तब इसका विरोध करने के लिए आपने कमिश्नर का पद छोड़कर एक ऐसा आन्दोलन शुरू किया जिससे कर का विरोध और कर न देने की फैसला किया गया इस आन्दोलन के बाद आपको सरदार की उपाधि मिली ।
आज हम लौहपुरुष के जन्मदिन पर एक संकल्प ले की हम उनके संघर्ष को बेकार नहीं जाने देंगे देश की अखंडता और सुरक्षा के लिए सदैव तत्पर रहेगे ।
जय हिन्द जय भारत ।